तुझे पाने की तमन्ना दिल से निकाल दी मैंने,
मगर आँखों को तेरे इंतज़ार की आदत सी बन गयी है !
Jis Jagah Jaakar Koee Vaapas Nahin AataJaane Kyon Aaj Vahaan Jaane Ko Jee Chaahata Hai
बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
Kabhi udaas ho jayo
to btana tumhay
fir se apna dil denge
tumhe khelne k liye