कभी सोचा न था के वो मुझे तनहा कर जायेगा,
जो अक्सर परेशां देख कर कहता था मैं हूँ ना !!
Dil Ki Dahleez Par Rakh Kar Teri Yaadon Ke ChiraagHumne Duniyan Ko Mohabbat Ke Ujaale Bakhshey
इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है,
गम देके वो पूछे हैं कोई गम तो नहीं है,
चल मान लिया तेरा कोई दोष नहीं है,
हालांकि दलीलों में तेरी दम तो नहीं है
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझकोइस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!