रेशम के धागों का है यह मजबूत बंधन,
माथे पर चमके चावल रोली और चंदन,
प्यार से मिठाई खिलाये बहन प्यारी,
देखी से भर आया भाई का मन।
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा,
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा?
रक्षा बंधन की शुभ कामनाएँ!