ज़मीन पर आकाश झूम के बरसे,
आपके ऊपर अपनों का प्यार बरसे,
भगवान् गणेश जी से बस यही प्रार्थन हैं,
आप ख़ुशी के लिए नही, ख़ुशी आप के लिए तरसे.
दिल से जो भी मांगोगे मिलेगा,
ये गणेश जी का दरबार है,
देवों के देव वक्रतुंडा महाकाया को,
अपने हर भक्त से प्यार है।
गणेश जी का रूप निराला है,
चेहरा भी कितना भोला-भाला है,
जिसे भी आती है कोई मुसीबत,
उसे इन्ही ने तो संभाला है।