सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है..!!
कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..
मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे,कल रात बार बार तुम्हें सोचते रहेबारिश हुई तो लग कर घर के दरवाजे से हमचुप चाप बेकरार तुम्हें सोचते रहे...
Lo Aaj Phir Ronay Laga Hai Asmaan,
Ban Ke Barish..
Shayad Aaj us ko phir
Ehsas Hua Hai Meri Tanhai Ka!
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..