उम्र जलवों में हो बसर ये ज़रूरी तो नहीं
हर शबे ग़म की हो सहर ये ज़रूरी तो नहीं,
सब की साकी पे नज़र हो ये ज़रूरी है मगर
सब पे साकी की हो नज़र ये ज़रूरी तो नहीं!