मुहब्बत बुरी है बुरी है मुहब्बत,
कहे जा रहे हैं, किये जा रहे हैं…
मैं लव हूँ पर मेरी बात तुम हो,
और मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो।
हमने अपनी यादों के बागीचे मेंतेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।
हमने अपनी यादों के बागीचे में
तेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था
पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में
लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
तबाह होकर भी तबाही दिखती नही,ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं।