आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा
तेरे पास में बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत …….
न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत…
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!
ऑपरेशन टेबल पर लेटा हुआ मरीज़ :डॉक्टर साहब, हॉस्पिटल में कब तक रुकना पड़ेगा ?डॉक्टर : ऑपरेशन ठीक हुआ तो एक सप्ताह…नहीं तो आधा घण्टा !!