गुनाह करके सज़ा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं, हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |
Har Khushee Dil Ke Karib Nahi Hoti,
Jindagi Gamo Ki Kitab Nahi Hoti,
Aye Dost Dosti Ko Sanjokar Rakhna, Kyuki ...
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Dosti Har Kisi Ko Nasib Nahi Hoti...
ज़िंदगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी,आँखों में हमारी आसू है तो क्या,जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी
“Mangi khushiyan to zindagi de di.Andhero ne bhi humein roshni de di..Khuda se pucha mere liye kya haseen tohfa hai.Jawab mein usne aapki dosti de di”
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”