Ankho Me Raha Dil Me Utar Kar Nahi Dekha
Kashti Ke Musafir Ne Samandar Nahi Dekha
Patthar Mujhe Samjhata Raha Mera Chahne Wala
Main Moum Tha Usne Mujhe Chhu Kar Nahi Dekha
भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर,इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी।
Hamesha yad aati hai unki,
Aur mood ho jata hai kharab,
Tab hum lekar baithe hai,
Ek hath me kalam aur ek hath me sharab.
एक बचपन का जमाना था, जिस में खुशियों का खजाना था.
चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दिवाना था.
रामायण देखते हुए
बेटा – पापा, राजा दशरथ की 3 रानियां थीं,
लेकिन मेरी तो एक ही मम्मी है ?
पापा – हाँ बेटा,
काश मेरी भी 3 पत्नियां होतीं
अंदर से मम्मी की आवाज आयी
अभी 12 बजे इसे महाभारत दिखाउंगी जिसमें द्रोपदी के 5 पति थे
एकदम सन्नाटा छा गया