यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हैं तो घर बैठे उसके बारे में सोचिये मत. बाहर निकालिए और अपने काम मे व्यस्त हो जाइये।
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.