शिकवा भी होगा हमसे शिकायत भी होगी,
पर दोस्त से गिला किया नहीं करते।
हम अच्छे नहीं बुरे ही सही,
तुम्हें वैलेंटाइन मुबारक हो,
लेकिन हम जैसा दोस्त मिला नहीं करते।।
मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू सुना है आबशारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को चरागों से मज़ारों को बड़ी तकलीफ़ होती है कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
गलती से पंखे का बटन क्या
दब गया...
....पूरा परिवार यूँ देखने लग
गया जैसे मैं कोई आतंकवादी
हूँ ..
संता- यार शादी के जोड़े कौन बनाता है????
,
बंता - भगवान बनाता है????
संता - ओ तेरी की ,,,,,
मै तो दर्जी को दे आया।
.." 😜😜😜😜 😝😝😝