भारत का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ कि पावन मिट्टी का गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नही है, स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने कि
तिरंगा हो कफ़न मेरा बस यही अरमान रखता हूँ
Sarfaroshi ki tamanna ab hamaare dil mein hai
Dekhna hai zor kitna baazu-e-qaatil mein hai
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा ,मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे ,मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा|
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.
Kuch nasha “TIRANGE” ki aan ka hai,
Kuch nasha “MATRA BHUMI” ki shan ka hai,
Hum lehrayenge har jagah ye “TIRANGE”,
Nasha ye hindustan ka hai....