कुछ कस्में हैं जो हम आज भी निभा रहे हैं,
तुम्हें चाहते थे और तुम्हें ही चाह रहे हैं!
ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्र-ओ-करार,
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी।
हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.
भूल जाएँ बीते हुए कल को,
दिन में बसा लो अपने आने वाले कल को,
मुस्कुराओ और खुश रहो चाहे जो भी हो,
हर पल खुशियाँ लेकर आएगा आपका आने वाला कल.
HAPPY NEW YEAR 2021
चाँद तारो से रात जगमगाने लगी,
फूलों की खुश्बू से दुनिया महकने लगी,
सो जाइये रात हो गयी है काफ़ी,
निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी