चलो ज़िन्दगी को जिंदादिली से जीने के लिए एक छोटा सा उसूल बनाते हैं,
रोज़ कुछ अच्छा याद रखते हैं, और कुछ बुरा भूल जाते हैं।
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए
कितने मूर्ख हैं
हम भगवान के बनाए फलों को भगवान को ही अर्पण करके धन दौलत माँगने लगते हैं
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा