यार की महफिल में हम जाकर उलझ गए,
पी लेते तो ईमान जाता, ना पीते तो यार जाता…!
वो भी दिन थे जब हम भी पिया करते थे,
यूँ न करो हमसे पीने पिलाने की बात,
जितनी तुम्हारे जाम में है शराब,
उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे।