जिया जिंदादिली से जो उसे तू जन्नत अता करना
युगो तक नाम हो जग में तू वो शोहरत अता करना
ग़ज़ल है ग़मज़दा कितनी बता सकता नहीं मौला
हमेशा के लिए राहत को अब राहत अता करना!