जाने कब आपसे प्यार का इज़हार होगा,
जाने कब आपको हमसे प्यार जोगा,
गुजर रही हैं आपकी ही याद में ये रातें,
जाने कब आपको भी हमारा इंतज़ार होगा।
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |