अनुभव की “भट्टी” में जो तपकर जलते है,
दुनिया के बाजार में वही “सिक्के” चलते है !!
कौन कहता है माँ का कलेजा दुनिया में सबसे नरम है,मैंने बेटियों की विदाई में अक्सर पिता को टूटते देखा है।
मीठी जुबान, अच्छी आदतें,
अच्छा व्यवहार और अच्छे लोग, हमेशा सम्मानित होते हैं।
अँधेरा चाहे कितना भी घना हो लेकिन
एक छोटा सा दीपक अँधेरे को चीरकर प्रकाश फैला देता है
वैसे ही जीवन में चाहे कितना भी अँधेरा हो जाये
विवेक रूपी प्रकाश अन्धकार को मिटा देता है
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं.