खुशियों से नाराज़ है मेरी जिंदगी,
प्यार की मोहताज है मेरी जिंदगी,
हँस लेता हूं लोगों को दिखाने के लिए
वरना दर्द की किताब है मेरी जिंदगी।
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है,बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है।
Khuda salamat rakhna unko,Jo humse nafrat karte hai,Pyaar na sahi nafrat hi sahi,Kuch to h jo wo sirf hmse krte h...