गुरुर में इन्सान को
कभी इन्सान नहीं दिखता,
जैसे छत पर चढो तो अपना ही
मकान नहीं दिखता !!
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.