कोई न बच्चा न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार.
शिक्षा है अतुल्य गहना, इसे हमेशा पहनाते रहना.
रोटी, कपड़ा और मकान, पर शिक्षा से बनेगा देश महान.
तुम मानो मेरा कहना, शिक्षा से कभी दूर न रहना.
घर का मान बढ़ाएंगे, स्कूल में शिक्षा जब पाएंगे.
शिक्षा की जिम्मेदारी, यही है समझदारी.
शिक्षित, उन्नत, समझदार, शिक्षा है सुख का आधार.
जो अनपढ़ रह जाता है, वह एक दिन पछताता है.
अपनी बेटी का मान बढ़ाना, हर हाल में अब उसे पढ़ाना.
दीप से दीप जलाएंगे, देश को साक्षर बनाएंगे.
सब पढे़, सब बढ़े.
अज्ञानता का अंधकार मिटेगा, शिक्षा से सुधार होएगा.
स्कूल जाने ना छूटे कोई बच्चा, आपका यह सहयोग होगा देश के लिए सच्चा.
शिक्षित परिवार, सुखी परिवार.
विकसित राष्ट्र की यही कल्पना, शिक्षित पूरे देश को करना.
बचपन से ही मेरा सपना, पढ़ना लिखना और पढ़ाना.
शिक्षा वह मजबूत है सीढ़ी, जिससे बढ़ती जाए पीढ़ी.
सर्व शिक्षा का अभियान, सबको मिलेगा बेसिक ज्ञान.
पिताजी सुन लो विनती हमारी, पढ़ने की है यह उम्र हमारी.
हम बच्चों का नारा है, शिक्षा का अधिकार हमारा है.
पढ़ी लिखी जब होगी माता, घर की बनेगी भाग्य विधाता.
शिक्षा एक अनमोल रतन, पढ़ने का सब करो जतन.
जहां ज्ञान का दीप है जलता, वहां अंधेरा कभी न रहता.
बहुत हुआ अब चूल्हा – चौका, लड़कियों को दो पढ़ने का मौका.
जहाँ न होता साक्षरता का वास, कैसे होगा उस देश का विकास.
परिवार में खुशहाली लाओ, घर में सभी को पढाओ.
लड़कियों को भी पढाना है, आगे इन्हें भी बढ़ाना है.
किताबों से प्यार करो, जीवन अपना उद्धार करो.
किताबों को अपना हथियार बनाओ, ज्ञान लगातार पाते जाओ.
इस ज़माने में न करे यह भूल, हर बच्चे को भेजो स्कूल.
अगर एक भी बच्चा छूटेगा, तो संकल्प हमारा टूटेगा.
हर घर में यह दीप जलाओ, अपने बच्चे को स्कूल पढाओ.
अनपढ़ होना है अभिशाप, वरना रहोगे अंगूठा छाप.
लड़का-लड़की एक समान, शिक्षा से दोनों बनेंगे महान.
ज्ञान हमें जगाता है, शोषण से हमें बचाता है.
शिक्षा का धन है सबसे न्यारा, कभी न होता इसका बँटवारा.
पूरे देश की है अब यही आवाज, पढ़ा लिखा हो हमारा समाज.
होगा तब यह राष्ट्र महान, पढ़ेगा – लिखेगा जब हर इन्सान.
जाग उठे हैं नर और नारी, शिक्षित होने की सबकी तैयारी.
बापू जी का था यह कहना, अनपढ़ बनकर कभी ना रहना.