हम सब का है एक ही नारा, साफ सुथरा हो देश हमारा
हमारा शहर साफ हो और हम सब का इसमें हाथ हो।
उज्जवल भारत का सपना, स्वच्छ वातावरण हो अपना।
आओ आओ पर्यावरण बचाएं, सबका एवं बेहतर बनाएं।
धरती माता करे पुकार, आस पास अपने करो सुधार।
हम सबने ये ठाना है, सबको मिल कर भारत स्वच्छ बनाना है।
स्वच्छ भारत बनाना है एक बहुत बड़ा अभियान, सब मिल कर दें इसमें अपना योगदान।
स्वछता के कर्म को अपनाओ, इसे अपना धर्म बनाओ।
मेरा सपना घर परिवार का सपना, सोचालय उपयोग ही सम्मान है अपना।
आओ सब मिल कर करें कुछ ऐसा काम, जिससे बने रहे देश की शान।
हमने किया है दुषित इस वातावरण को तो चलो हम ही सुधारे अपनी ये भूल, पेड़ लेहराएँ वैसे ही और खिलते रहे फूल।
आओ हम सब मिल जुल कर एक काम करें, रोज़ सुबह आधे घंटे की सफाई को अपने नाम करें।
जन जन का है बस अब एक ही सपना, खुले में शौच मुक्त हो भारत अपना।
स्वछता को जब हम अपनाएंगे, सपनो का भारत तब हम बनाएंगे।
जन जन की है ज़िम्मेदारी, घर घर शौच ही है समझदारी।
घर घर में सोचालय बनवाएं, भारत को हम स्वच्छ बनाएं।
स्वच्छ भारत का है जन अभियान जग रहा है सारा हिंदुस्तान, गली मोहल्ला और मकान जन जन तक पहुंचे ये पैगाम।
साफ सफाई जो कर पाता, बड़ी बड़ी बिमारियों से वो है बच जाता।
जो आस पास करे न सफाई, सबसे बड़ी यही है बुराई।
अगर सफाई तुम नहीं अपनाओगे तो भोजन में अपने तुम गंदगी ही खाओगे।
घर की इज़्ज़त बाहर न जाएं, शौचालय को घर में ही बनवाएं।
खुबसुरत होगा देश का हर छोर, हम करेगे सफाई चारो ओर।
बापू के सपनों वाला भारत बनाएंगें, चरों और स्वच्छता फैलाएंगे।
आओ हम सब मिल कर करें कुछ ऐसा काम, जिससे बढे हमारे इस देश की शान।
कहते हैं सारे वेद और पुराण, स्वछता से ही है आदमी का समान।
धरती पे स्वर्ग है सिर्फ वहां, स्वछता और सफाई हैं जहाँ।
साथी रे ज़रा अपना हाथ बढ़ाना, गंदगी को यहाँ से है दूर भगाना।
हम सब का है बस यही एक सपना , स्वच्छ और शुद्ध भारत हो अपना।
अब हर भारतीय ने मन में यह ठाना है कि पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाना है।
गंदगी को दूर भगाओ, भारत को स्वच्छ बनाओ।