थोड़ी सी चिंता और दया अक्सर ढेर सारे पैसों से अधिक मूल्यवान होती है।
कई लोग सोचते हैं की वो पैसे कमाने में अच्छे नहीं है, जबकि वो ये नहीं जानते कि उसे प्रयोग कैसे करते हैं।
सामने आई काले धन की खोट इसलिए बंद हुए ५००-१००० के नोट।
आमतौर पर इंसान अपने सिद्धांतों की अपेक्षा अपने पैसों के लिए अधिक चिंतित रहता है।
आओ मिलकर हम सब इस महायज्ञ में सम्मिलित हों, राष्ट्र हित के इस निर्णय में सभी एकजुट होकर सहयोग दो।
एक बेवकूफ के पास पैसे ज्यादा देर तक नहीं टिक सकते।
काले धन का नहीं अब मोल, खुल गई है अब उसकी पोल।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी का ऐतिहासिक फैसला, काला धन अब बाहर निकला।
काले धन का होगा नाश, भ्रष्टाचार का पर्दाफाश।
आपको वेतन आपको अमीर नहीं बनाता, आपकी खर्च करने की आदत बनाती है।
सभी धन की शुरुआत दिमाग से होती है. दौलत विचारों में है- पैसों में नहीं।
आतंकवादी गतिविधियों पर लगे रोक, सरकार ने बंद किये ५००-१००० के नोट।
प्रारम्भ में होगी जन-जन को असुविधा, देश हित के सामने न हो व्यक्तिगत सुविधा।
ऐसे लोगों की मदद करना जो खुद अपनी मदद करने की इच्छा नहीं रखते पैसे की बर्वादी है।
अगर औरतें नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती।
भ्रष्टाचार रोकने का निकला उपाय, बाहर निकलेगी अघोषित आय।
ये एक तरह का आध्यात्मिक दंभ है जो लोगो को ये सोचने पे मजबूर करता है कि वो बिना पैसों के खुश रह सकते हैं।
एक निश्चित बिंदु के बाद , पैसे का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
एक औरत के लिए सबसे अच्छी सुरक्षा उसके खुद के थोड़े पैसे होते हैं।
एक बुद्धिमान व्यक्ति को पैसा दिमाग में रखना चाहिए, दिल में नहीं।
५०० और १००० के नोट पर प्रतिबन्ध, सीधा है भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्ध।
ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है – जब इसमें पैसा हो।
दोस्ती पैसे की तरह होती है, बनाना आसान होता है निभाना मुश्किल।
वो करिए जो आप सचमुच करना चाहते हैं और पैसा अपने आप आएगा।
बेन फ्रैंकलिन ने भले ही बिजली कि खोज की हो – पर पैसे उस आदमी ने बनाए जिसने मीटर का आविष्कार किया।