अनुशासन वह पुल होता है, जो हमें सफलता तक ले जाता है.
अनुशासन का पालन करना कड़वा होता है, लेकिन अनुशासन का पालन करने के बाद मिलने वाला फल बहुत मीठा होता है.
अनुशासन के बिना बड़ी सफलता को सम्भाला नहीं जा सकता है.
अनुशासन, हमारे चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाता है.
अनुशासन के बिना पूरी दुनिया अव्यवस्थित हो जाएगी.
अनुशासनहीन व्यक्ति कभी दूसरों से प्रशंसा नहीं पा सकता है.
अनुशासित रहने की आदत बचपन से हीं डालनी चाहिए. क्योंकि बड़े हो जाने के बाद अनुशासन की आदत नहीं डाली जा सकती है.
उत्कृष्टता और कुछ नहीं है, बल्कि यह आत्म अनुशासन का परिणाम होता है.
अनुशासन का कोई विकल्प नहीं होता है. अनुशासन खुद सर्वश्रेष्ठ विकल्प होता है.
अभ्यास के बिना अनुशासन को कायम नहीं रखा जा सकता है.
अनुशासन के बिना न तो किसी व्यक्ति और न किसी समाज का उत्थान हो सकता है.
अनुशासन कोई सजा नहीं है, यह तो बस एक कड़वी दवा है.
असफल लोगों में एक समानता पाई जाती है, और वह समानता यह होती है कि असफल लोग अनुशासित नहीं होते हैं.
संचार साधनों की ज्यादा उपलब्धता ने , अनुशासन के महत्व को और ज्यादा बढ़ा दिया है.
अनुशासन के बिना वर्तमान भी बर्बाद होता है और अनुशासन के बिना भविष्य भी बर्बाद हो जाता है.
योग के द्वारा खुद को अनुशासित रखने में मदद मिलती है.
अनुशासन की कमी प्रतिभावान लोगों को भी असफल बना देती है.
अनुशासन की कमी बच्चों का भविष्य खराब कर देती है.