बेटी को मरवाओगे तो दुल्हन कहा से लाओगे!!
चाहे मुन्ना चाहे मुनिया, एकही बच्चे की प्यारी दुनिया!!
खुशहाल बालिका भविष्य देश का !!
माँ चाहिए…. पत्नी चाहिए…. बहन चाहिए…. फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए?
बहुत सरल है पेट में करना मुझप पर वार, हिम्मत है तो ए माँ! मुझको पैदा करके मार!!
बेटी है तो कल है!!
बेटी हैं कुदरत का उपहार, जीने का इसको दो अधिकार!!
लक्ष्मी-नारायण, राधे-श्याम, सीता-राम, गौरी-शंकर, – जब पुजीनीय भी पहले नारी…. फिर नर!!
तो फिर क्यों नहीं देते लड़कियों को जन्म का अवसर!!
अगर बेटा शान है तोह बेटी आन है!!
जब – जब खड़ी उठी है नारी, हर किसी पर पड़ी है भारी!!
अश्लीलता को दूर भगाओ, अपनी बेटियों को बचाओ!!
ज़िन्दगी का यह असूल करो, बेटी को कबूल करो!!
बेटी तो है जग की जननी, हमें रक्षा अब इसकी करनी!!
कन्या संतान बचानी है, भ्रूण हत्या मिटानी है!!
बेटी कुदरत का है उपहार, इसको जीने का दो अधिकार!!
लक्ष्मी का वरदान है बेटी, धरती पर भगवन है बेटी!