जींस भारत ही नहीं पूरे विश्व में बहुत अधिक पहना जाता हैं. इसके शौक़ीन आपको हर जगह मिल जायेंगे. जींस के पैंट्स की कई खासियत होती हैं. इनके कपड़े काफी ज्यादा मजबूत होते हैं.
जो जल्दी ख़राब नहीं होते और बिना फटे सालों-साल चलते हैं. इसके अलावा जींस जल्दी गंदे नहीं होते हैं.इसलिए इनको खास प्रकार से बनाया जाता हैं. इनके रंगों की वजह से ये जल्दी गंदे नहीं होते हैं.इसलिए इनको आप कई हफ्तों तक पहन सकते हैं. जींस के साथ कई सारे चीजों को मैच करके पहन सकते हैं. इसके साथ शर्ट से लेकर टी-शर्ट, कुर्ता आदि मैच करके पहन सकते हैं. लेकिन इसके बावजूद जींस से जुड़ी कई सारी बातों के बारे में कई लोग नहीं जानते हैं. ऐसा ही एक सवाल हैं कि जींस में एक छोटी जेब क्यों होती हैं. इस सवाल के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं. इसलिए आज हम आपको इसके पीछे छुपे राज के बारे में बताने जा रहे हैं.
कैसे हुई थी जींस की शुरुआत?
जींस हर कोई पहनकर खूब स्टाइल मारता हैं लेकिन ये बहुत कम लोग जानते हैं कि ये कब शुरू हुई थी. जींस की शुरुआत 1600 ईस्वी में इटली से हुई थी. वहां पर मील में काम करने वाले मजदूरों के लिए इसे बनाया गया था. जब इसकी शुरुआत हुई थी तब उस समय इसको सिर्फ मजदूरों के लिए ही लाया गया था. आज पूरी दुनियाभर के लोग इसे पहनते हैं. जींस का निर्माण एक खास कारण से हुआ था क्योंकि जो मजदूर मील में काम करते थे उनके पुराने कपड़े बहुत जल्दी फट जाते थे. साथ ही वो कोयले के खदान में काम करने से गंदे भी हो जाते थे. ऐसे में लोगों से एक मजबूत चीज कपड़े को खोजना शुरू किया. जो जल्दी फटे भी ना और काफी दिनों तक गंदी भी ना हो. तब जाकर जींस का निर्माण हुआ.
क्यों होती हैं जींस में ये छोटी जेब?
जींस में अलग-अलग डिज़ाइन होते हैं. जो उसको आकर्षक और खूबसूरत बनाते हैं. कई सारी जींस के मॉडल में अलग-अलग जेब होती हैं. ऐसे में आप ने कई बार देखा होगा कि फ्रंट राइट जेब के ऊपर एक छोटी से जेब भी होती हैं. जो बहुत छोटी होती हैं और जिसमें आप सियाव छोटे सिक्कों और छोटी चाभी के कुछ नहीं रख सकते हैं. लेकिन कभी आपने ये सोचा हैं कि आखिर ये छोटी से जेब क्यों बनाई जाती हैं. जबकि इसकी ज्यादा जरूरत भी नहीं पड़ती हैं. तो इसको क्यों बनाया? दरअसल इसका निर्माण वॉच रखने के लिए किया गया था. इसे मील में काम करने वाले मजदूरों के लिए बनाया गया था. ऐसे में जब वो काम करते थे तो समय देखने के लिए उनके पास छोटी-छोटी पॉकेट वॉच होती थी. ऐसे में इन वॉचेस को रखने के लिए इनका निर्माण किया गया था. ताकि मजदूर टाइम देखकर इसी में फिर से वॉच को सुरक्षित रख दे. इस छोटी जेब का नाम पॉकेट वाच था. साथ ही सबसे पहले जींस की सबसे बेहतरीन ब्रांड लिवाइस ने ही जींस में पॉकेट वॉच के लिए जगह बनाई थी. इस ब्रांड का पूरा नाम लेवी स्ट्रॉस हैं. इसी ने ही इस वॉच पॉकेट का कल्चर शुरू किया था. जिसे कॉइन पॉकेट, पिन पॉकेट आदि कहते हैं.