हर भारतीय के किचेन में हींग जरूर मिल जाएगी. जिसकी मनमोहक खुशबू हर किसी को पसंद आती हैं. खाने का स्वाद बढ़ाने से लेकर तड़के वाली दाल को और जायके दार बनाने में इसका काफी इस्तेमाल होता हैं.
कई सारे लोग को तो इसकी महक इतनी पसंद होती हैं कि इसके बिना दाल ही नहीं खाते हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि आपकी फेवरेट हींग कहाँ पर पैदा होती हैं? क्या इसका कोई पौधा होता हैं? या फिर ये पहाड़ो से आती हैं? हींग के बारे में इतनी सारी जानकारियां बहुत कम लोग के पास होती हैं. लेकिन अगर आप भी हींग के सच्चे चाहने वाले हैं. तो आपको इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी होता हैं. इसलिए आज हम आपको हींग से जुड़ी इसी खास जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या हींग का कोई पौधा होता हैं?
हींग का निर्माण एक पौधे से होता हैं. जिसे आप भाषा में हींग का पौधा कहा जाता हैं. इसी पौधे से हींग का पाउडर बनता हैं. हींग का पौधा सौंफ वाले पौधे के ही केटेगरी में आता हैं. इसकी लम्बाई 1 मीटर तक होती हैं. इसके पीले रंग के फूल एकदम सरसों की तरह दिखाई देते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हींग का निर्माण इस पौधे के जड़ से होता हैं. ना कि इसके फूल, पत्ती या तने से.
कितने साल लगते हैं हींग होने में?
हींग का पौधा आम पौधों की तरह नहीं होता हैं. इससे हींग एक लम्बे समय के बाद तैयार की जाती हैं. एक बार बीज बो देने के तकरीबन 4-5 सालों बाद हींग का पौधा उगता हैं. इसके बाद इसके जड़ों से हींग का निर्माण करते हैं. एक पौधे से तकरीबन आधा किलो हींग तैयार होती हैं. इसके जड़ों की रस से हींग का निर्माण कार्य किया जाता हैं.
हींग दो प्रकार के होते हैं. काबुली सफेद और हींग लाल. सफेद हींग पानी में घुलनशील होते हैं जबकि लाल और काला हींग तेल में घुलता हैं. हींग में खाने वाले गोंद और स्टार्च मिलाकर इसे ईंट का आकर देते हैं. फिर इन्हें मार्किट में बेच देते हैं.
भारत में नहीं होती इसकी खेती
आपको जानकार ताजुब होगा कि भारत में इतना फेमस रहने वाला हींग यहाँ पर नहीं उगता हैं. इसकी पैदावार भारत में ना के बराबर होती हैं. इसे अफ़गानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान से लाया जाता हैं. हालांकि भारत में अब हिमाचल में इसकी खेती शुरू हो गई हैं. लेकिन अभी भी इसकी उपज कम हैं. इसलिए ये बहुत ही मंहगे बिकते हैं. साथ ही इसे बनाने में 4 साल का लम्बा समय लगता हैं.