ट्रेन में कई बार सफर करते हैं. उसके लिए टिकट की प्री बुकिंग भी करते हैं. साथ ही ट्रेन की टाइम से लेकर सीट के कन्फोर्मशन तक की हर एक जानकारी भी हम मिलती हैं.
ट्रेन से जुड़ी इन सभी जानकारियों के बारे में आपको टिकट पर लिखे एक 10 अंकों के नंबर से मिलती हैं. जिससे आपतौर पर PNR नंबर कहते हैं. लेकिन बहुत कम लोग इस नंबर और उससे जुड़ी कई सारे खास जानकारियों के बारे में जानते हैं. जैसे इसका फुलफॉर्म क्या हैं? इसमें लिखे 10 नंबर से क्या तात्पर्य हैं? वगैरा-वगैरा... आज हम आपको PNR नंबर से जुड़ी इन्हीं कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या होता हैं पीएनआर नंबर?
सबसे पहले ये बात समझनी बहुत जरुरी हैं कि पीएनआर नंबर क्या होता हैं? PNR नंबर एक ख़ुफ़िया डाटाबेस की तरह होता हैं. जिसमें लिखे कोड में आपकी निजी जानकारी से लेकर यात्रा की पूरी डिटेल्स मौजूद होती हैं. इसको आप आसान भाषा में किसी यात्री का सीक्रेट कोड कह सकते हैं. जिसका यूज़ करके आप उसके बारे में कई सारी जानकारी पा सकते हैं. इस पीएनआर नंबर का इस्तेमाल सिर्फ ट्रेन में ही नहीं बल्कि फ्लाइट में भी होती हैं.
जब भी आप आप टिकट निकालते हैं तो आप एक फॉर्म भरते हैं. जिसमें आप अपनी सारी आवश्यक डिटेल्स देते हैं. जिनका एक डाटाबेस इंडियन रेलवे रिजर्वेशन बोर्ड के पास कंप्यूटर में फिट हो जाता हैं. जिसका एक 10 अंकों का खास कोड होता हैं. इनका अपना एक खास मतलब होता हैं.
PNR का फुलफॉर्म क्या हैं?
भले आप लोग पीएनआर शब्द कई बार सुनते हैं. लेकिन कई सारे लोगों को आज भी इसका पूरा नाम नहीं पता हैं. इसका पूरा नाम Passenger Name Record होता हैं. जिससे आप को अब इसका महत्व स्पष्ट हो गया होगा. पीएनआर रेल में यात्रा कर रहे यात्रियों की एक तैयार डाटाबेस होती हैं. जो उनसे जुड़ी कई सारी जानकारियों को सेव करके रखती हैं.
PNR के 10 अंक क्या कहते हैं?
पीएनआर में 10 अंक होते हैं. जिनमें से शुरुआती 3 अंकों का मतलब पैसेंजर रेजर्वेशन सिस्टम यानी पीआरएस से होता हैं. जो ये बताता हैं कि इस टिकट की बुकिंग किस पीआरएस के तहत की गई हैं. इसके बाद पीएनआर पर लिखे अलग-अलग कोड आपको देश कई सारे टर्मिनल के बारे में बताते हैं. जैसे दिल्ली, कोलकता, चेन्नई मुंबई आदि.