भगवान श्रीहरि विष्णु ने इस धरती पर कई बार अवतार लिया हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान के कुल दस अवतार हुए थे. हर एक अवतार में भगवान ने धरती पर बढ़ रहे पापों से भक्तों को मुक्ति दिलाई थी.
जिनमें से उनके एक अवतार को श्रीकृष्ण के नाम से जाना जाता हैं. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म पौराणिक कथाओं के अनुसार भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था. जिसे हिन्दू धर्म ग्रंथों में श्रीकृष्णा जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता हैं. हर साल हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इसी तिथि को श्रीकृष्णा जन्माष्टमी मनाया जाता हैं. इस दिन भगवान के धाम मथुरा और वृन्दावन में बहुत ही धूमधाम से उनके आगमन की तैयारी होती हैं. ये त्यौहार पूरे भारतवर्ष में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं. ऐसे में कई लोग सोच रहे हैं कि इस साल कृष्णा जन्माष्टमी कब हैं? इसके लिए शुभ मुहूर्त कब हैं? ऐसे कई सारे सवाल उनके मन में चल रहे हैं. तो ये आर्टिकल उनके लिए हैं. इसमें आपको इन सवालों के जवाब मिलेंगे...
30 अगस्त को हैं श्रीकृष्णा जन्माष्टमी, ये बातें हैं खास
इस साल कृष्णा जन्माष्टमी का त्यौहार 30 अगस्त को मनाया जायेगा. 30 अगस्त को सोमवार के दिन इस त्यौहार को अच्छे से धूम-धाम से मनाया जायेगा. कई लोग अपने घर के बाहर झांकियां निकालते हैं.
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल 29 अगस्त दिन रविवार के रात 11 बजकर 25 मिनट से अष्टमी की शुभ घड़ी शुरू होगी. जोकि अगले दिन यानी 30 अगस्त के रात 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगी.
पूजा और व्रत के लिए क्या हैं शुभमुहूर्त?
इस साल भक्त जनों के लिए व्रत का शुभ मुहूर्त 30 तारीख को शुरू होगी. लोग इस दिन ही व्रत धारण कर सकते हैं. जबकि अष्टमी पूजन का शुभ समय रात के 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 44 मिनट तक हैं. भगवान की पूजा-अर्चना करने के लिए इस दिन उनको पंचामृत का भोग लगाइये. साथ ही भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री और पान के साथ नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाइए. श्रद्धालु लोग व्रत धारण कर सकते हैं.
क्या हैं कृष्णा जन्माष्टमी का महत्व?
हिन्दू धर्म ग्रंथों और पौराणिक मान्यताओं में कृष्णा जन्माष्टमी का बहुत महत्व हैं. ऐसा माना जाता हैं कि जो भी श्रद्धालु इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत धारण करते हैं. भगवान श्री कृष्णा की पूजा अर्चना करते हैं. उनकी हर मनोकामना पूरी होती हैं. साथ ही जिनकी कुंडली में चन्द्रमा की दशा कमजोर होती हैं. वो सही हो जाती हैं.