आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म श्रावण शुक्ल 19 अगस्त 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के आरत दुबे का छपरा, ओझवलिया नामक गाँव में हुआ था.
पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था.
इनका परिवार ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध था.1927 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की. 1927 में भगवती देवी से उनका विवाह सम्पन्न हुआ.
1929 में उन्होंने इंटरमीडिएट और संस्कृत साहित्य में शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण की।1930 में ज्योतिष विषय में आचार्य की उपाधि प्राप्त की.
4 फरवरी 1979 को पक्षाघात के शिकार हुए और 19 मई 1979 को ब्रेन ट्यूमर से दिल्ली में उनका निधन हो गया.
हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं
आलोचनात्मक
सूर साहित्य
हिन्दी साहित्य की भूमिका
प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद
कबीर
नाथ संप्रदाय
हिन्दी साहित्य का आदिकाल
आधुनिक हिन्दी साहित्य पर विचार
साहित्य का मर्म
निबंध संग्रह
अशोक के फूल
कल्पलता
विचार और वितर्क
विचार-प्रवाह
कुटज
विश के दन्त
कल्पतरु
गतिशील चिंतन
साहित्य सहचर
उपन्यास
बाणभट्ट की आत्मकथा
चारु चंद्रलेख
पुनर्नवा
अनामदास का पोथा