भारत की खोज आज से कई सालों पहले पुर्तगाल के एक यात्री वास्को डी गामा ने किया था. ये बात कई सारे लोग जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग इससे जुड़ी कई सारी दिलचस्प बातें जानते हैं. जैसे वास्को डी गामा कौन था?
उसने अपनी यात्रा कब और कैसे शुरू की? भारत में वो कब पहुंचा? भारत आने पर क्या हुआ? आदि कई सारे सवाल हैं. जिनके बारे में कोई नहीं जानता. आज हम आपको इन्हीं के बताने जा रहे हैं. जिससे आपको इनके बारे में पता चलेगा..
वास्को डी गामा एक पुर्तगाल यात्री
वास्को डी गामा पुर्तगाल का एक जाना माना यात्री था. जो पूरे पुर्तगाल में अपनी साहसिक समुद्री यात्राओं के लिए मशहूर था. वास्को का जन्म सिन्स शहर में हुआ था. इनके पिता एक बेहतरीन नाविक और खोजकर्ता थे. साल 1460 से लेकर 1478 तक वास्को डी गामा सिन्स शहर के गवर्नर पद पर कार्यरत थे. वास्को डी गामा अपने पिता के साथ ही समुद्री यात्रा बचपन से करते थे. साल 1480 में पहली बार वो पुर्तगाली नौसेना में शामिल हुए.
साल 1497 से शुरू हुआ सफर
वास्को डी गामा ने पुर्तगाल के राजा हेनरी की इजाजत लेकर 8 जुलाई, 1497 को अपनी समुद्री यात्रा शुरू की थी. उनके पास चार जहाज और 170 यात्री थे. बहुत कम लोग जानते हैं कि इस यात्रा में उसके साथ उसका छोटा भाई पाउलो भी था. कई दिनों की कठिन यात्रा पूरी करने के बाद वो 17 मई, 1498 को भारत के कालीकट पोर्ट पर पहुंचा था. यहां के लोगों के उसका स्वागत किया और वो 3 महीने तक भारत में रहा.
वास्को डी गामा तीन बार आया था भारत
बहुत कम लोग इस बात की जानकारी रखते हैं कि अपनी पहली यात्रा की सफलता के बाद वास्को डी गामा दो बार फिर भारत आया था. वास्को डी गामा ने भारत से व्यापार शुरू कर दी थी. वो यहां के मसाले और रेशम को पुर्तगाल ले जाकर बेचता था. अपनी तीसरी यात्रा के दौरान उसकी मौत हो गई थी. 24 दिसंबर 1524 में उसकी मृत्यु भारत में ही हो गई थी. वो अपनी तीसरी यात्रा के लिए भारत आया था.
तीन महाद्वीपों और दो महासागरों को किया था पार
वास्को डी गामा को भारत में पहुंचने में कई सारे संघर्षों को पार करना पड़ा था. उसने तीन महाद्वीपों, दो महासागरों के साथ अरब के व्यापारियों और अफ्रीका के साम्रज्यों से लड़ने के बाद भारत पहुँचने में कामयाबी मिली थी. इस दौरान उसके साथ के कुल 116 लोगों की मौत हो गई थी.