आज कोई भी ऐसा शख्स नहीं हैं जो ट्रेन के बारे में ना जानता हो. भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के कई सारे देशों में रेलवे का बहुत बड़ा जाल फैला हुआ हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे पहला रेल इंजन कहाँ बना था?
वो कौन सा शख्स था जिसने इस दुनिया को रेल जैसी अमूल्य भेट दी? बहुत कम लोग इन सवालों का जवाब जानते हैं. आज हम आपको इस लेख में इन्हें सवालों के बारे में बताने जा रहे हैं...
दुनिया का पहला भाप इंजन जेम्स वाट ने बनाया था
पहले की ट्रेने स्टीम के सहारे चलती थी. इस तरह की स्टीम ट्रेनों को बनाने के श्रेय जेम्स वाट को जाता हैं. साल 1712 में पहली बार स्टीम इंजन का निर्माण हुआ और 1716 में पहली स्टीम ट्रेन चली थी. इस स्टीम ट्रेन चलने के पीछे एक कहानी हैं भी हैं. कहा जाता हैं एक बार जेम्स वाट अपने माँ के साथ किचन में थे. वहां किचन में एक पतली में पानी उबल रहा था. उसके ऊपर एक प्लेट रखा हुआ था. जेम्स ने देखा की पानी के भाप से वो प्लेट बार-बार ऊपर नीचे हो रहा हैं. यहीं से जेम्स के दिमाग में भाप की ताकत को लेकर जिज्ञासा उत्पन हुई और उन्होंने भाप इंजन का निर्माण इसी कांसेप्ट पर किया.
पहली ट्रेन
दुनिया में सबसे पहली लकड़ी की रेल गाड़ी साल 1604 में ब्रिटेन में शुरू हुई थी. इंग्लैंड के वोलाटॅन में लकड़ियों से बने काठ के डिब्बों को घोड़ों के द्वारा खींचा जाता था. इसके बाद साल 1824 इंजीनियर रिचर्ड ट्रवेथिक ने पहली आधिकारिक ट्रेन भाप इंजन के मदद से बनाई थी. हालांकि जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 ने भाप इंजन की सहायता से ट्रेन का आविष्कार किया था. लेकिन वो ज्यादा लोड नहीं खींच सकता था.
27 सितम्बर 1825 में पहली ट्रेन 33 डिब्बों के साथ 600 यात्रियों के साथ लंदन शहर के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई गई थी.
भारत में कब आयी ट्रेन?
भारत में ट्रेन आने के पीछे एक दिलचस्प कहानी हैं. भारत में ट्रेन आने की कहानी शुरू होती हैं साल 1840 से. जब अमेरिका में कपास की खेती बर्बाद हो जाती हैं. ऐसे भारत से कपास ले जाने के योजना बनाई जाती हैं.
लार्ड डलहौजी ने साल 1843 में भारत में आधिकारिक तौर पर ट्रेन चलवाने के सारे प्रयास करने लगे. इसके बाद 10 सालों बाद 16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली ट्रेन चालू होती हैं.