अक्सर बैंक वाले दिवालिया या ऐसे लोगों की सम्पत्ति नीलाम कर देते हैं. जो टाइम पर बैंक द्वारा लिया गया लोन नहीं चूका पाते हैं. इस स्थिति में बैंक के पास ये अधिकार होता हैं
कि उनकी गिरवी रखी हुई सम्पति को बेचकर बाकि की रकम अदा करें. नीलामी के दौरान कई सारे लोग इन प्रॉपर्टियों को खरीदने का मन बनाते हैं क्योंकि ये 20-30 प्रतिशत सस्ते मिलते हैं. लेकिन कई बार कुछ लोग कुछ खास गलतियां कर देते हैं. जिसकी वजह से उनका काफी नुकसान हो जाता हैं. इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नीलामी में सस्ती प्रॉपर्टी खरीदते समय किन बातों को ध्यान रखना चाहिए.....
प्रॉपर्टी की कीमत जान लें
बैंक कई बार अपने बकाया रकम और लोनकर्ता के बतायी गई जानकारी के आधार पर कीमत तय करती हैं. उस प्रॉपर्टी की बेस प्राइस इस बात पर निर्भर करती हैं कि बैंक का कितना रकम बकाया हैं? ऐसे में सम्पति को खरीदने से पहले एक बार उसकी मार्किट प्राइस का अंदाज जरूर लगा लीजिए. ऐसा करने से आपको प्रॉपर्टी की सही कीमत का पता चल जाएंगे.
पर्याप्त धन राशि रख लें
नीलामी का खेल सबसे सिम्पल होता हैं. अगर आप बोली लगा रहे हैं तो आपको 10% डिपॉजिट जमा करना होता हैं. इसके बाद मकान खरीदने के तुरंत बाद 25% पैसे जमा करने होते हैं. ऐसे में आप अपने पास पर्याप्त धन राशि रखने के बाद ही नीलामी में हिस्सा लें. नहीं तो पैसे न जमा कर पाने की स्थिति में आपके जमा पैसे जब्त हो जायेंगे और आपको लॉस होगा.
कागजों को वेरीफाई कर लें
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उससे जुड़े सारे दस्तावेजों को अच्छे से देख लीजिए. साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित कर लीजिए की इस प्रॉपर्टी का कोई विवाद तो नहीं हैं? आप नीलाम करने वाले बैंक के बारे में भी जानकारी जुटा लें. किसी वकील से मिलकर इस बात की तहकीकात कर लीजिए कि क्या बैंक के पास सच में हक़ हैं इस प्रॉपर्टी को नीलाम करने का या नहीं?
क्षतिपूर्ति प्रमाणपत्र है जरूरी
कई बार बोली में खरीदी गई सम्पति में उसके पुराने मालिक आप पर केस कर देते हैं. जिसकी वजह से आप फंस जाते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप क्षतिपूर्ति प्रमाणपत्र बैंक से जरूर ले लीजिए. जिससे आप भविष्य में ऐसी स्थिति में फसने से बच सकते हैं.