देश के कई बड़े हिस्सों में लोग आज किराये पर रहते हैं. महानगरों और बड़े शहरों में आधे से अधिक आबादी किरायेदार हैं. ऐसे में देश में एक नया कानून आदर्श किराया कानून आया हैं.
जिसके आने के बाद अब कोई भी बहुत ही आसानी से अपना घर बिना हिचक के किराये पर दे सकता हैं. रिपोर्ट्स की माने तो देश में तकरीबन 1 करोड़ से ज्यादा घर खाली पड़ें हैं क्योंकि लोग अपना घर किराये पर देने से डरते हैं. आज हम आपको इस नए कानून के बारे में बताने जा रहे हैं. साथ ही इसके क्या फायदे हैं उसपर भी बात करेंगे.
लोग बिना डर के दे सकते हैं मकान किराये पर
इस कानून का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो अपने घर को किराये पर देने से संकोच करते थे. काफी ज्यादा डरते थे, लेकिन इस कानून से उनके हितों की रक्षा होगी और उनको टाइम-टू टाइम अच्छा किराया मिलता रहेगा.
किरायेदार को मनमानी तरीके से नहीं निकाल सकते
पहले मकान मालिक किरायेदार को अपनी मर्जी से कभी भी बाहर फेक देते थे. लेकिन अब वो उन्हें बिना नोटिस दिए नहीं निकाल सकते. बशर्ते अगर किरायेदार ने 2 महीने का किराया ना दिया हो और मकान का इस्तेमाल गलत तरीके से कर रहा हो. सिर्फ इस केस में मकान मालिक उसे बिना नोटिस के निकाल सकता हैं.
किरायेदार की निजता का ध्यान
इस कानून में किरायेदार की प्राइवेसी का ध्यान रखा गया हैं. इसके तहत अब मकान मालिक अचानक से किरायेदार के घर पर नहीं आ सकता हैं. अगर उसे आना हैं तो 24 घंटे पहले एक लिखित नोटिस देना होगा. इसके बाद ही वो किरायेदार के घर जा सकता हैं. पहले तो किरायेदार के घर मकान मालिक कभी आ धमकते थे.
दो महीने से ज्यादा की रकम नहीं मांग सकते एडवांस
इस कानून के आने से अब मकान मालिक सिक्योरिटी के नाम पर दो महीने से ज्यादा का किराया एडवांस में नहीं मांग सकते हैं. अगर वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही हो सकती हैं.
मकान मालिक दोगुने किराये का कर सकता हैं डिमांड
अगर एग्रीमेंट के अनुसार तय समय पर किरायेदार मकान खाली नहीं करता हैं. तो ऐसे में मालिक को दोगुना किराया वसूल करने का हक़ ये कानून देता हैं. अगर इसके बाद भी वो घर नहीं खाली करना चाहता हैं तो उसे अगले दो महीने बाद चार गुना किराया देना पड़ेगा.