वास्तु सिद्धांतों की अहमियत इंसान के जीवन में खूब ज्यादा होती हैं. किचन से ही इंसान को स्वादिष्ट और स्वास्थवर्धक पौष्टिक आहार मिलता हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप किचन में कुछ खास बातों और सिद्धांतों का पालन करते हैं.
तो आप के परिवार के सभी सदस्य निरोगी और सुखकर जीवन व्यतीत कर सकते हैं. वास्तु का गणित जीवन के पांच आधारभूत तत्वों जैसे पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि, वायु का मूल रूप से संतुलन हैं. लेकिन जब ये असंतुलित होने लगता हैं तो जीवन में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता हैं. इसलिए आज हम आपको वास्तु के किचन संबंधी कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं....
रसोईघर में गैस चूल्हे की स्थिति
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर में चूल्हे को आग्नेय कोण पर हो. साथ ही भोजन पकाने वाले का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए. इस सिद्धांत का पालन करके खाना बनाने से घर के लोगों की सेहत ठीक रहती हैं और घर में धन की वृध्दि होती हैं. भोजन पकाते समय कभी किसी भी गृहणी का मुख दक्षिण दिशा की तरह नहीं होना चाहिए. इसे वास्तु दोष बढ़ जाता हैं और घरवाले बीमार होते हैं.
रसोईघर के ईशान दिशा में भारी सामान ना रखे. कोशिश करके इन्हें दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में ही रखें.
लाल बल्ब लगाएं
अगर घर के किचन का निर्माण वास्तु के आधार पर नहीं होता हैं. तो उसमें वास्तु दोष आ जाना स्वाभाविक हैं. लेकिन इस दोष का निवारण बहुत आसान हैं. इसके लिए किचन की दक्षिण-पूर्व दिशा में एक लाल बल्ब लगा दीजिए और इसे हमेशा जलते रहने दीजिए.
अगर आपका रसोईघर मुख्य द्वार के सामने हैं. तो इससे उत्पन्न वास्तु दोष को हटाने के लिए आप दोनों के बीच एक पर्दा लगा दीजिए. इससे वास्तु दोष खत्म हो जाता हैं.
किचन में ना रखें मंदिर
कई बार लोग रसोईघर और मंदिर दोनों को एक साथ बना देते हैं. एक साइड में किचन और दूसरे साइड में मंदिर. लेकिन ऐसा करने से बहुत नुकसान होता हैं. वास्तु शास्त्र के हिसाब से ऐसे घरों में लोग बीमार और बहुत ज्यादा गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं. इसलिए इन दोनों को अलग-अलग जगहों पर बनाएं. मंदिर की स्थापना वास्तु के आधार पर ही करना सही रहता हैं.
बाथरूम
कभी भी रसोईघर और बाथरूम दोनों का निर्माण एक सीध में ना कराएं. इससे भी वास्तु दोष की संभावना बढ़ जाती हैं. जिससे बचने के लिए आप एक कटोरी में करके खड़ा नमक बाथरूम में रखें और समय-समय पर इसको चेंज करते रहे. बाथरूम एक सीध में होने से परिजनों का स्वास्थ्य ख़राब होता हैं. साथ ही बिना स्नान किये खाना पकाने से नकारात्मक ऊर्जाओं का आगमन बढ़ जाता हैं.