कई सारे लोग घर, मकान और दुकान लेने या बनवाने से पहले वास्तुशास्त्र की सलाह जरूर लेते हैं. वास्तुशास्त्र भारतीय कल्चर में काफी समय में अपनाया जाता हैं. वास्तुशास्त्र में मानव जीवन से उपयोगी कई सारे सिध्दांत बताएं गए हैं.
जिनका पालन करके ही मनुष्य एक सुखकर जीवन जी सकता हैं. नए जमीन के पूजन से लेकर शिला की स्थापना तक. हर एक जगह पर वास्तु के इन सिद्धांतों का पालन होता हैं. आज हम आपको दुकान को शुरू करने से संबंधित वास्तु नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसका पालन करके काम करने से आपकी दुकान में बरकत हो सकती हैं. आप पर माँ लक्ष्मी और धनपति कुबेर की कृपा बरसती रहेगी. तो चलिए उन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.....
दुकान के मुख्य द्वार की दिशा
कई बार आप अथक प्रयास करते हैं, लेकिन आपको अपने मेहनत के अनुरूप फल मिलता नहीं दिखाई पड़ता हैं. जिससे आप कई बार परेशान हो जाते हैं. ऐसा कई बार वास्तु दोष के कारण हो जाता हैं. दुकान दारों के साथ अक्सर ये होता रहता हैं. ऐसे में वास्तुशास्त्र के अनुसार आपको अपने दुकान का मुख्य द्वार को पूर्व दिशा की तरफ ही बनवानी चाहिए. जिससे आपको काफी ज्यादा तरक्की होती हैं. साथ ही धंधे में बरकत भी होती हैं.
आपका काउंटर कहाँ हो?
कई बार दुकान का मुख्य द्वार तो सही दिशा में होता हैं. लेकिन इसके बावजूद भी आपको मनचाहा बरकत नहीं मिल पाता हैं. ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि आप कई बार अपने दुकान के अंदर गलत डायरेक्शन में मुख करके बैठे होते हैं. जिससे वास्तु दोष बढ़ जाता हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा जरुरी हैं कि आप अपने काउंटर को उत्तर दिशा में लगाकर बैठिये. ये काफी शुभ माना जाता हैं. साथ ही आपको लाभ भी खूब होता हैं.
दुकान सिंह मुखी हो और इष्ट देवता की तस्वीर
जिन दुकानों के आगे के हिस्से चौड़े होते हैं और पीछे के संकरे या पतले. उन्हें सिंह मुखी दुकान कहा जाता हैं. वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे दुकान काफी ज्यादा लकी और बरकत वाले होते हैं. साथ ही इसकी उत्तरी दीवारों पर अपने इष्ट देवता की फोटो लगानी चाहिए. इससे उनकी कृपा बनी रहती हैं और धंधे में नुकसान नहीं होता हैं.
सुबह जल्दी खोल लें दुकान
जिनके दुकान सिंह मुखी हो उन्हें सुबह जल्दी खोल देना चाहिए. साथ ही दुकान में ऐसी चीजों को रखें जो जल्दी से जल्दी बिक जाये. इससे दुकान में सब कुछ सही रहता हैं. साथ ही आपको अपार लाभ होता हैं.