कई बार जब घर के बड़े-बुजर्ग का देहांत हो जाता हैं. तो लोग उनकी तस्वीरों को अपने घर में लगा देते हैं. ताकि उनका आशीर्वाद घर वालों पर बना रहे हैं. साथ ही लोग उनकी यादों को भी संजो के रखने के लिए ऐसा करते हैं.
किसी के इस दुनिया से चले जाने का गम तो नहीं भुलाया जा सकता हैं. लेकिन उनके यादों को सहेज के जरूर रखा जा सकता हैं. इन्हीं सब कारणों से लोग अपने घर में पितरों की भी तस्वीरें लगाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितरों की तस्वीर लगाने के लिए वास्तुशास्त्र के कुछ खास नियमों का पालन करना जरुरी होता है? अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और पितरों के तस्वीरों को यहां-वहां अपने मन मुताबिक लगा देते हैं. तो इससे काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं. तो चलिए वास्तुशास्त्र के इन खास नियमों को बेहतरीन तरीके से समझते हैं.
पितरों की तस्वीरें लगाते समय इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए
- अक्सर देखा गया है कि लोग अपने स्वर्गवासी बुजुर्गों के मरने के बाद पितरों की तस्वीरों को यादों के रूप में सहेजते है. लेकिन ऐसे में कई सारे लोग इनकी तस्वीरों को पूजा घर में देवी-देवताओंके साथ लगा देते हैं. उनका मानना होता हैं कि भगवान के साथ इनका भी आशीर्वाद मिलता रहेगा. लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसा नहीं करना चाहिए. वास्तु कहता हैं कि पितरों की तस्वीरों को देवी देवताओं के लगाने से घर में अशुभता आती हैं. साथ ही लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.
- वास्तुशास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीरों को घर में कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं लगानी चाहिए. ये दिशा देवी-देवताओं की मानी गई हैं. वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर घर में पितरों की तस्वीरें सही दिशा में ना लगाई हो तो इससे काफी ज्यादा नुकसान होता हैं. घर की सुख-शांति के लिए इनकी तस्वीरों को हमेशा दक्षिण-पश्चिम में होनी चाहिए. साथ ही इनको कील पर नहीं टाँगनी चाहिए. इसके लिए एक बेहतरीन स्टैंड बनवा लेनी चाहिए.
- अपने स्वर्गवासी बड़े-बुजर्गों की तस्वीरें बेडरूम, रसोईघर या सीढ़ियों के नीचे नहीं लगानी चाहिए. साथ घर के एकदम बीचों-बीच भी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर में कहल होती हैं, सुख-शांति भंग हो जाती हैं. घर में सुख-शांति बनाये रखने के लिए आपको इनकी तस्वीरों को इन जगहों पर नहीं लगानी चाहिए.
- वास्तुशास्त्र के अनुसार जीवित लोगों के साथ कभी भी पितरों या मृत लोगों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए. ऐसा करने से उस खास व्यक्ति के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं. जिसके बाजू में पितरों की तस्वीरें होती हैं. उसका स्वास्थ्य ख़राब हो सकता हैं.