वास्तुशास्त्र में कई सारे नियम दिए गए है. जो घर के निर्माण से लेकर सज-सज्जा तक हर पहलू में इस्तेमाल किये जाते हैं. लेकिन कई सारे नियम ऐसे भी हैं जो कई सारे लोग नहीं जानते हैं.
ऐसे ही कुछ खास नियम घर के दरवाजों से संबंधित है. जोकि वास्तु शास्त्र में दिया गया हैं. किसी भी घर में लगे दरवाजों का भी उतना ही महत्व होता हैं जितना अन्य लोगों का. लेकिन कई बार लोग दरवाजों को नजरअंदाज कर देते हैं. जिससे घर में नकारत्मकता का आगमन बढ़ जाता हैं. इससे घर की सुख-शांति भंग हो जाती हैं और घर के लोगों को कई सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए आज हम आपको घर के दरवाजों से जुड़ी कुछ खास वास्तु टिप्स के बारे में बताने जा रहे है......
1. वास्तु के अनुसार जब भी आप दरवाजा खोले या बंद करें, तो उस समय किसी भी प्रकार का आवाज नहीं होना चाहिए. अगर घर में लगे हुए किसी भी दरवाजे या खिड़की से आवाज आती है तो आपको इसके अंदर तेल डालकर इसे सही करा लेना चाहिए. साथ ही घर का मुख्य द्वार लोहे से ना बनवाये. घर के दरवाजे अगर नीचे या ऊपर रगड़ खाते है तो इससे तुरंत सही करा लीजिए क्योंकि इससे घर के अंदर रहने वाले लोगों में खूब झगड़े होते है. साथ ही सहनशीलता कम होती है.
2. घर में लगने वाले दरवाजे आयातकार होने चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार ये शुभ होते हैं. इसके विपरीत बहुत लम्बे या संकरे दरवाजे शुभ नहीं माने जाते हैं. इसलिए घर के दरवाजों को वास्तु के हिसाब से ही बनवाएं.
3. दो पलड़ों का ही दरवाजा सबसे उत्तम माना जाता. घर में एक पलड़े का दरवाजा लगवाने से बचना चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार दो पलड़े वाला दरवाजा सबसे ज्यादा सकारत्मक ऊर्जा का संचार करता है. इसलिए कोशिश यही रहे कि दो पलड़े वाला ही दरवाजा लगे.
4. सबसे जरुरी बात ये है कि दरवाजा जिस लकड़ी का बना हो. वो काफी ज्यादा अच्छा और मजबूत होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो उसे तुरंत बदलवा देना चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार इसका सीधा प्रभाव घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और कार्य क्षेत्र पर पड़ता हैं. साथ ही हल्का दरवाजा जल्दी टूट जाता है या फिर हवा या पानी के सम्पर्क में आने से ख़राब होने लगता हैं.