टोक्यो से भारत को एक महीने के भीतर भाला फेंक कम्पटीशन में दो गोल्ड मेडल हासिल हुए है. पहला गोड़ल मेडल कुछ दिनों पहले नीरज चोपड़ा ने जीता था. तो वहीं दूसरा गोल्ड मेडल पैरालिम्पिक्स में सुमति अंतिल ने जीत कर रिकॉर्ड कायम कर दिया.
हरियाणा के रोहतक में जन्में सुमित की यहां पहुंचने और गोल्ड जीतने का सफर आसान नहीं था. बहुत कम लोग इस बाद को जानते है कि सुमित का एक पैर नहीं है. आज हम आपको सुमित अंतिल से जुड़ी ऐसी ही दस अनसुनी बातें इस पोस्ट में बताने जा रहे है.....
1. सुमित अंतिल का जन्म 1998 में हरियाणा के रोहतक में हुआ था. सुमित बचपन से ही पहलवान बनाना चाहते थे. लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका.
2. 5 जनवरी साल 2015 में एक दिन एक भयानक हादसे में उनका एक पैर चला गया. सुमित का एक पैर के घुटनों के नीचे का हिस्सा इस भयंकर एक्सीडेंट में छीन गया था. जिसके कारण बचपन से पहलवान बनने का उनका ये सपना टूट गया.
3. सुमित अंतिल ने अपनी मेहनत और लगन से साल 2019 में आयोजित पेरिस ओपन हांडीस्पोर्ट और विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप दुबई दोनों मुकाबलों में सिल्वर मेडल जीता था.
4. सुमित के कोच नवल के अनुसार सुमति का मानना है कि वो एक पैरा एथलीट नहीं है. अपने खेल को और बेहतर स्तर पर ले जाने के लिए वो भाला फेंक के खेल सामान्य एथलीट नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह के साथ कम्पटीशन करते थे. जिसकी बदौलत आज उन्होंने गोल्ड हासिल किया है.
5. सुमित अंतिल ने पैरालिम्पिक्स में भाला फेंक में 68.55 मीटर का विश्व रिकॉर्ड बना कर इतिहास रच दिया हैं.
6. सुमित का जीवन बहुत सारे कठिनाइयों से भरा रहा. 6 साल पहले हुए एक स्कड हादसे में उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया. तो वहीं जब ये तीन साल के ही थे तभी इनके पिता जोकि एयरफोर्स में अफसर थे. उनकी मौत हो गई थी.
7. सुमित अंतिल के साथ-साथ इनके तीन बहनों को इनकी माँ ने काफी संघर्षों के साथ पाला हैं. जब सुमति 17 साल के थे. तो एक शाम को बाइक से कहीं जा रहे थे. इसी बीच एक ट्रैक्टर-ट्राली ने इन्हें टक्कर मार दी थी. जिसमें इनका एक पैर हमेशा-हमेशा के लिए छीन गया.