माता-पिता चाहते है कि उनके बच्चे जीवन में सफलता हासिल करें. जिसके लिए वो अपना सारा जीवन लगा देते है. लेकिन कई बार बच्चों को उनकी मेहनत के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाती है.
वो हर संभव प्रयास करते है इसके बावजूद भी वो सफल नहीं हो पाते है. ऐसा कई बार उनके कमरे की दिशा या वास्तु की वजह से होती है. वास्तुशास्त्र में बच्चों के कमरे बनावाने के लिए कुछ खास नियम बताये गए है. अगर आप इनको बिना जाने उनका कमरा बनवा देते है. तो उसमें वास्तुदोष आ जाता है. जिससे उन्हें कई सारी समस्याएं झेलनी पड़ती है. तो आइये इन नियमों के बारे में विस्तार से जानते है....
इस दिशा में हो बच्चों का कमरा
आप जब भी बच्चों का कमरा बनवाये तो उससे पहले दिशा की जानकारी रखना बहुत जरुरी है. वास्तु के हिसाब से बच्चों के कमरे को हमेशा उत्तर या उत्तर-पूर्व की दिशा में बनवाना चाहिए. इस दिशा में कमरे को बनवाने से बच्चों के मन में शांति और खुशहाली रहती है. इस दिशा से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है. जिससे उनके करियर में उन्हें सफलता मिलती रहती है. साथ ही इन कमरों में खुली खिड़कियां हो जिससे फ्रेश हवा और सूर्य का प्रकाश घर में आता रहे.
स्टडी टेबल की जगह
बच्चों के कमरे में स्टडी टेबल को सही दिशा में व्यवस्थित तरीके से रखनी चाहिए. बच्चे पढ़ाई के क्षेत्र में तरक्की करें इसके लिए उनके स्टडी टेबल को उत्तर दिशा में रखनी चाहिए. ये सबसे उपयुक्त और सही माना जाता है क्योंकि इस दिशा में बैठकर पढ़ने से दिमाग तेज रहता है. साथ ही उनका मन पढ़ाई में लगा रहता है. मेज के पास टेबल लैंप हो और टेबल के ऊपर सफेद रंग मेज कवर होना चाहिए. साथ ही बुक्स के लिए एक रैक या अलमारी भी हो.
उत्तर दिशा में कोई मिट्टी का सामान न रखें
उत्तर दिशा में कभी भी कोई मिट्टी की बनी चीजें नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इसका सीधा संबंध पृथ्वी तत्व से होता है. जो जलतत्व के प्रभाव को कम कर देते है. जिसकी वजह से बच्चों के करियर में विघ्न आने लगते है. उनको सफलता मिलने में परेशानी होने लगती है.
उत्तर दिशा न बच्चों को
वैसे वास्तु में उत्तर दिशा काफी शुभ माना जाता हैं लेकिन सोने के लिए इसको अशुभ माना जाता हैं. अगर आप उत्तर दिशा में सिर करके सोते हैं तो आपको कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं. बच्चे जब इस दिशा में सिर करके सोते है. तो इससे उनकी पढ़ाई बाधित हो जाती है. मन में अशांति और बेचैनी हो होती रहती है. जिसकी वजह से नेगेटिविटी मन में भर जाती है.