वास्तुशास्त्र में कई सारे दोषों के बारे में बताया गया है. जिनकी वजह से कई सारे नुकसानदायक परिणाम भी लोगों को उठाने पड़ते है. वास्तु का इस्तेमाल हर एक काम में किया जाता है.
ताकि वो काम अच्छे से सफल हो जाये और किसी भी प्रकार का कोई दोष न रह जाये. आप ने कई बार ये देखा होगा कि घर में जब भी कोई हवन या पूजा होती है. तो लोग आम, चंदन आदि की लकड़ी का इस्तेमाल करते है, पर बांस को कभी नहीं जलाते है. क्यों? क्योंकि बांस की लकड़ी को ना जलाने के पीछे वास्तुशास्त्र का ये खास नियम शामिल है. वास्तु के हिसाब से बांस की लकड़ी को जलाना वास्तु दोष होता है. जिसकी वजह से वंश की वृद्धि रुक सकती है. तो चलिए जानते है बांस की लकड़ी ना जलाने के और भी अन्य कारण.....
धर्मिक कारण
हिन्दू धर्म के देवता भगवान श्रीकृष्ण बांस की बनी बांसुरी को काफी पसंद करते है. हर समय उसे अपने पास ही लिए घूमते है. जिसकी वजह से धर्मिक मान्यता की वजह से भी बांस की लकड़ी को जलाना सही नहीं माना जाता है.
वास्तु के अनुसार
भारतीय हिन्दू धर्म में वास्तुशास्त्र के हिसाब से बांस की लकड़ी काफी शुभ मानी जाती है. इसका इस्तेमाल शादी-विवाह, मुंडन और जनेऊ जैसे शुभ और मंगल कार्यों में मंडप बनाने में किया जाता है. इस वजह से भी इसको जलाना अशुभ माना जाता है. इससे भयंकर वास्तुदोष हो सकता है. जिसके कारण देवी-देवता नाराज भी हो सकते है. जिससे घर की बरकत रुक जाती है और लोगों कई सारी समस्याएं आने लगती है. इसलिए इसे नहीं जलाया जाता है.
नकारात्मकता को दूर करता है
ऐसा माना जाता है कि जिन स्थानों पर बांस का पौधा होता है. वो नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है. इसके आप-पास कोई बुरी आत्मा या नेगेटिव एनर्जी नहीं रह सकती है. इसलिए इसे नहीं जलाया जाता है.
वैज्ञानिक कारण
बांस को ना जलाने के पीछे कई सारे वैज्ञानिक कारण भी है. जिनके हिसाब से इसके अंदर लेड और अन्य हानिकारक तत्व मौजूद होते है. जब ये जलते है तो ऑक्सीजन में घुलकर अपने ऑक्साइड बना लेते है. जो काफी ज्यादा जहरीले हो जाते है. जो सांस लेते समय आपके अंदर जाकर आपके शरीर में न्यूरो और लिवर संबंधित समस्याओं को बढ़ा देते है. जिसकी वजह से आपकी जान भी जा सकती है.