कपूर को इस्तेमाल पूजा-पाठ में सबसे ज्यादा होता हैं. साथ ही इसके एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण इसका इस्तेमाल औषधी के रूप में भी किया जाता हैं.
कपूर मेंअनित-बैक्टीरियल के साथ-साथ एंटी-फंगल गुण भी पाये जाते हैं जिसके कारण ये आपकी स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं. कपूर जहां एक तरफ औषधि का काम करता है. वहीं दूसरी तरफ वास्तु शास्त्र में इसका इस्तेमाल करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. घर के अंदर माँ लक्ष्मी समेत कई देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. तो आइये जानते है वास्तुशास्त्र में कपूर का क्या महत्व है तथा इससे क्या लाभ होते है....
काम में मिलती है सफलता
कई बार आप अथक प्रयास करते है. इसके बावजूद भी आपको काम में सफलता नहीं मिल पाती है. जिससे आप बहुत ज्यादा हताश और निराश हो जाते है. ऐसे में वास्तुशास्त्र के अनुसार चांदी की कटोरी में लौंग के साथ कपूर जलाने से आपको काम में सफलता हासिल हो जाती है. साथ ही आपको धन लाभ भी होता है. आपका सौभाग्य लौटने लगता है.
नकारात्मकता को दूर करता है
कई बार घर में नकारात्मकता आ जाती है. जिसकी वजह से घर की सुख-शांति सब भंग हो जाती है. व्यापार में घाटा होने लगता है. आर्थिक समस्याएं आने लगती है. इन सबसे बचने के लिए घर के अंदर कपूर की गोलियां रखनी चाहिए. जिससे ये नकारात्मकता को नष्ट करके घर में सकारात्मकता को लेकर आता है.
वातावरण की शुद्धि होती है
घर के अंदर पूजा-पाठ के दौरान कपूर जलाने से इसकी सुगंध पूरे वातावरण में फैल जाती है. जिससे वातावरण में व्याप्त अशुद्धियाँ खत्म हो जाती है. इसके अलावा घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जाओं का भी नाश हो जाता है.
धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है
कपूर का इस्तेमाल करने से वास्तु दोष कम हो जाता है. जिससे घर में देवी लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर में फैली आर्थिक तंगी दूर होने लगती है. कपूर घर में जलाने से धन लाभ की संभावनाएं बढ़ जाती है. जिससे घर के अंदर हर कोई सम्पन्नता से रहता है.
सेहत के धनी होते है लोग
जिन घरों में कपूर का इस्तेमाल किया जाता है. वहां के लोगों स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं होती है. कपूर के अंदर एंटी बायोटिक गुण पाए जाते है. जो आपको रोगों से बचाते है. साथ ही आप सेहत के धनी रहते है.