घर के कई सारे हिस्सों को हिन्दू धर्म और वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है. अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि मंदिर में जूत्ते-चप्पल पहनकर कर नहीं जाना चाहिए क्योंकि ये उन्हें बचपन से ही सिखाया जाता है.
लेकिन घर में ऐसी और भी कई सारी जगहें होती है. जहां पर जूत्ते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित माना जाता है. ऐसे माना जाता है कि घर में पूजा वाले कमरे के अलावा भी कुछ स्थानों पर पवित्रता का वास होता है. ऐसे में अगर आप उन हिस्सों में चप्पल पहनकर जाते है तो वो अपवित्र हो जाती है. तो आइये जानते है वास्तु के हिसाब से वो बाकी की जगहें कौन सी है.....
अलमारी के पास
वास्तुशास्त्र में अलमारी या तिजोरी को भी पवित्र स्थान माना जाता है. लेकिन कई सारे लोग इसके आस-पास भी जूत्ते-चप्पल पहनकर चले जाते है. जोकि वास्तु में अशुभ माना जाता है. वास्तु के अनुसार तिरोजी में धन की प्रतीक माँ लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए ये स्थान पूजा घर की तरह ही पवित्र मानी जाती है. ऐसे में जब आप जूत्ते-चप्पल पहनकर अलमारी के पास जाते है तो वो अपवित्र हो जाता है और माँ लक्ष्मी नाराज भी हो जाती है.
नदियों में
हिन्दू धर्म में नदियों को देवी का रूप और पवित्र माना जाता है. भारत में कई सारी नदियां है. पतित पावनी गंगा, सरस्वती,यमुना समेत कई सारी नदियों को पवित्र माना जाता है. ऐसे में जब भी लोग नदी में जाते है तो जूत्ते-चप्पल बाहर उतार कर प्रवेश करते है. लेकिन नदी के कई सारे हिस्सों में लोग जूत्ते-चप्पल पहनकर भी प्रवेश करते है. जोकि अशुभ होता है, इससे आपके ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है. नदी के प्रतिनिधि ग्रह चन्द्रमा इससे नाराज हो जाते है. जिससे जातक पर घोर मुसीबते आती है.
घर की रसोई
कई सारे लोग रसोईघर में भी चप्पल पहनकर घुस जाते है या तो खाना भी बनाते है. जोकि वास्तु में सबसे बड़ा दोष माना जाता है क्योंकि घर में रसोईघर को माँ अन्नपूर्णा और अग्नि देवता का स्थान माना जाता है. ऐसे में अगर आप रसोई में चप्पल का इस्तेमाल करते है. तो घर में आर्थिक तंगी और दरिद्रता आ सकती है. आपके घर से माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद खत्म होने लगता है.
स्टडी रूम में
घर में जो कमरा स्टडी के लिए होता है. वहां भी चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए क्योंकि ये स्थान माँ सरस्वती का माना जाता है. जिस घर में उनकी कृपा होती है. वहां के लोग शिक्षा के क्षेत्र में खूब तरक्की करते है. लेकिन कई बार आप इस रूम में भी चप्पल पहनकर चले जाते है. जिससे उनका अनादर होता है. ऐसा होने पर घर में देवी सरस्वती का आशीर्वाद कम होने लगता है.