घर बनवाते समय बेडरूम से लेकर बाथरूम तक हर चीजों को कैसे और किस दिशा में बनवाना है? इसका सारा जवाब वास्तुशास्त्र में दिया गया है.
घर का निर्माण करते समय अगर आप वास्तु के इन नियमों का पालन करते है. तो आपके घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है. इसके अलावा आपके घर में किसी भी प्रकार का वास्तुदोष नहीं होता है. जिसके प्रभाव से घर में नकारात्मकता का आगमन कम हो जाता है. तो आइये जानते है कि घर में बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए और नया घर बनवाते समय आपको बाथरूम कैसे और किन सावधानी के साथ बनवाना चाहिए....
बाथरूम की सही दिशा क्या हो?
वास्तु के हिसाब से घर में बने हर एक हिस्से का अपनी एक खास दिशा होती है. ऐसे ही वास्तुशास्त्र के हिसाब से आपको घर में बाथरूम हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में ही बनवाना चाहिए. इससे आपके घर में सकारात्मकता आती है और आपके घर की नकारात्मकता इस दिशा से बाहर चली जाती है.
बाथरूम का दरवाज लकड़ी का ही हो
कई बार लोग पैसे बचाने के लिए बाथरूम में मेटल का दरवाजा लगा देते है. साथ ही उनका ये भी मानना होता है कि लकड़ी का दरवाजा बाथरूम में लगवाने से लकड़ी जल्दी खराब हो जाती है. मगर वास्तु के हिसाब से आपके घर में लगा मेटल का दरवाजा घर की नेगेटिविटी को बढ़ा देता है क्योंकि इसकी वजह से आपके घर की नेगेटिविटी बाहर नहीं जा पाती है. इसलिए जब भी आप बाथरूम का दरवाजा लगवा रहे है. तो इसे अच्छी लकड़ी का ही बनवाये और इसके नीचे एल्युमिनियम शीट लगा दीजिए. जिससे ये जल्दी ख़राब नहीं होता है.
बाथरूम का दरवाजा हमेशा रखें बंद
कई सारे लोगों की आदत होती है कि वो बाथरूम का दरवाजा अक्सर खुला छोड़ देते है. जो वास्तु का सबसे बड़ा दोष माना जाता है क्योंकि इससे घर के अंदर सारी नेगेटिविटी भर जाती है. जिससे घर का माहौल ख़राब हो जाता है. नकारात्मकता की वजह से आपके घर में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें ज्यादा बढ़ जाती है.
बाथरूम के दरवाजे पर ये चीजें ना लगाए
कई बार लोग बाथरूम में और इसके दरवाजों पर भगवान की मूर्ति या तस्वीरें लगा देते है. लेकिन वास्तु में इसे महादोष माना जाता है. इसे घर में से देवी-देवताओं की कृपा कम हो जाती है. जिससे घर में गरीबी और दरिद्रता भी आ सकते है.