आज के इस तेज़ रफ़्तार दुनिया में इंसान अपने जरूरतों के पीछे ऐसे भाग रहा है की उसके जीवन से खुशियां पीछे छूटती जा रही हैं. वो दिन रात पैसों के पीछे ही भागता रहता हैं और इस भाग दौड़ में वो जाने अनजाने में डिप्रेशन का शिकार हो जाता है और वो घुट घुट कर जीने लगता हैं.
ये डिप्रेशन उसे अंदर ही अंदर बहुत कमजोर कर देती हैं और वो इनसे निकल नहीं पता और अंत में आत्महत्या जैसा बड़ा और बहुत ही बेकार कदम उठा लेता हैं. जो की बहुत ही निंदनीय और शर्मनाक होता हैं.
इसलिए आपको इससे बचने की बहुत जरूरत हैं, और अपने आप को सेफ रखने की जरूरत हैं.
आत्महत्या इंसान इन परिस्थितयों में करता हैं, जो को बहुत ही दुखदायी होता हैं.
1.आर्थिक कमी के कारण इंसान इस ग़लत कदम की तरफ बढ़ जाता हैं. आज कल हर कोई एक लक्ज़री लाइफ जीना चाहता है और वो चाहत हैं की उसके पास खूब पैसा हो. इसकी चाहा में जब न कामयाब हो जाते हैं तब वो आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं।
2.पारिवारक समस्याएं भी कई बार इस की तरफ प्रेरित कर देती है और इंसान इससे बचने के लिए ख़ुदकुशी कर लेता है. लेकिन कोई भी विवाद ऐसा नहीं होता हैं जिससे आपसी बात चीत से सुलझाया ना जा सके.
3.आपसी कम्पटीशन और दूसरे से आगे निकल जाने की प्रतिस्पर्धा भी एक कारण हैं. लोग आज अपनी तुलना करते है और हमेशा दुरसों से आगे निकल जाने की प्रतिस्पर्धा करते और न जाने कब ये उन्हें अंदर ही अंदर तोड़ देती है की वो समझ नहीं पाते.
4.ऑफिस में उत्पीड़न को झेलना. आज के समय में ये बहुत ही ख़राब हैं. हर तीसरे ऑफिस में आज लोग शोषण का शिकार हो रहें और उनसे बचने के लिए वो आत्महत्या कर लेते हैं.
5.सेक्सुअल हैरेसमेंट की वजह से भी लोग आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं. सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफिसेस में आदमी और औरत दोनों के साथ हो सकता हैं फिर भी औरतों के साथ ये ज़्यादा होता हैं. इससे परेशान होकर लोग आत्महत्या करते हैं.
6.आर्थिक अक्षमता अथवा लैंगिक अक्षमता इत्यादि कारणों से स्वयं को दीन-हीन समझ बैठने से व्यक्ति स्वयं को असहाय या अनुपयोगी समझते हुए व्यक्ति हीनभाव के वशीभूत हो स्वयं को मारने जैसे कदम उठा सकता है. सभी ईश्वर के अंश है इस सत्य को नकारा नहीं जा सकता.
7.सार्वजनिक अपमान के या सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी के कारण व्यक्ति के अहं को पहुँची ठेस से भी व्यक्ति आत्महत्या का सोच सकता है। यश या कीर्ति जैसी पल भर की कामनाओं के जाल में जीवन का अन्त न होने दें.
इससे बचने के उपाय
शोषण को न सहें उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठायें.
1.पारिवारिक समस्यों को बात चीत से सुलझाएं.
2.डिप्रेशन में हो तो आप लीव लेकर फॅमिली के साथ टाइम बिताये या कहीं पहाड़ों में घूमने चले जाइये.
3.हमेशा पैसों के बारे में एक बैलेंस बनाये रखिये. क्योंकि जान है तो जहान है. पैसा तो आता जाता है.