हिंदी फिल्मों में आपने भी CID वालों को जरूर देखा होगा. CID का काम होता है जटिल अपराधों में शामिल मुख्य आरोपियों को पकड़कर सजा दिलवाना.
CID कई सारे ऐसे केसेस को सॉल्व करने का काम करती है. जो आम पुलिस डिपार्टमेंट के बस की नहीं होती है. अगर आप भी CID डिपार्टमेंट में अपना करियर बनाने की चाह रखते है. तो आज हम आपको इस आर्टिकल में इससे डिपार्टमेंट से जुड़ी हर एक इनफार्मेशन देने जा रहे है. जिससे जानने के बाद आप बहुत ही आसानी से इस डिपार्टमेंट में करियर बना सकते है. तो आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है....
क्या है CID का फुलफॉर्म?
CID में करियर बनाने से पहले आपको इसके बारे में जाना जरुरी है. CID का फुलफॉर्म क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट होता है. इस डिपार्टमेंट में काम करने वाले सभी ऑफिसर पुलिस की वर्दी में नहीं बल्कि सिविल ड्रेस में होते है. वो एकदम आप आदमी की ही तरह रहते है. किसी भी प्रकार की कोई यूनिफार्म में नहीं होते है.
भारत में CID की स्थापना ब्रिटश काल में हुई थी. साल 1902 में भारत में आधिकारिक तौर पर CID का गठन किया गया था. इसके बाद साल 1920 में CID को क्राइम और स्पेशल ब्रांच में बांट दिया गया था. इसके बाद से CID का इंवोल्मेंट कुछ और अपराधों जैसे बलात्कार, हत्या, गंभीर हमले, सांप्रदायिक दंगे और धोखाधड़ी आदि के केसो को सॉल्व करने में भी होने लगा.
CID के लिए एजुकेशनल क्वॉलिफेकशन क्या चाहिए?
नियमों के अनुसार CID के ऑफिसर बनने के लिए सामान्य केटेगरी के लोगों की लिए 4 बार, ओबीसी के लिए 7 बार प्रयास कर सकते है. तो वही एससी एसटी कैंडिडेट के लिए ऐसी कोई सीमा नहीं है. CID के लिए कैंडिडेट को तीन तरह के एग्जाम देने होते है, लिखित, फिजिकल और इंटरव्यू. इसके अलावा ये कुछ जरुरी योग्यताएं भी चाहिए....
CID के लिए आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए
उसकी न्यूनतम उम्र 20 वर्ष और अधिकतम 27 वर्ष होना चाहिए. तो वही ओबीसी के लिए 3 साल और एसी-एसटी के लिए 5 और अतिरिक्त उम्र सीमा मिलती है.
कैंडिडेट भारत के किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया हो.
CID में भर्ती होने के लिए पुरुषों की लम्बाई 165 सेमी और महिलाओं की 150 सेमी होनी अनिवार्य है.