कॉलेजेज और यूनिवर्सिटीज में आज कल कई सारे प्रोफेशनल और टेक्निकल कोर्सेज में इंटर्नशिप करना एक बहुत ही जरुरी और अहम पार्ट हो गया है. हर साल लाखों-करोड़ों बच्चे प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन लेते है.
जिसके बाद उन्हें प्रोफेशनल डिग्री मिलती है. लेकिन कॉलेज के ही 3 या 4 साल के कॅरिकुलम में ही कई सारे बच्चे इंटर्नशिप भी करते है. कई बार ये इंटर्नशिप पेड होती है लेकिन अधिकतर ये सभी इंटर्नशिप अनपेड ही होती है. इसके बावजूद भी आपको इंटर्नशिप में कई सारी चीजें सीखने को मिलती है. जिससे आपका प्रोफेशनल ग्रोथ होता है. इंटर्नशिप 1 महीने से लेकर 6 महीन तक का हो सकता है. जिसमें आप को बहुत कुछ सीखाया और बताया जाता है. तो आइये जानते है कि इंटर्नशिप करने से कौन से 5 बड़े फायदे मिलते है...
आपका रिसर्च वर्क मजबूत होता है
इंटर्नशिप का सबसे बड़ा फायदा यही होता है कि कैंडिडेट्स के रिसर्च वर्क काफी ज्यादा मजबूत होते है. किसी भी फील्ड में कोई भी प्रोजेक्ट रन करने से पहले आपको उसकी पूरी जानकारी होनी अनिवार्य है. जिसके लिए आपको खासा रिसर्च करनी पड़ती है. ये रिसर्च वर्क ही आपके काम को काफी ज्यादा मजबूत बनाते है. इसके साथ आपका रिसर्च वर्क भी काफी मजबूत होता है. आपके अंदर रिसर्च करने की स्किल डेवेलप होती है.
जॉब के चान्सेस बढ़ते है
आप जो भी प्रोफेशनल कोर्स 3-4 साल तक करते है. साथ ही आप इसी अवधि में कही भी इंटर्नशिप भी कर लेते है. तो आपको जॉब मिलने के चान्सेस बढ़ जाते है. इंटर्नशिप आपको जल्दी से जॉब दिलाने में सहायक होते है. एक या एक से अधिक इंटर्नशिप करने के बाद आपको प्रोफेशन स्किल्स का भी अनुभव हो जाता है. जो आपको कॉलेज प्लेसमेंट्स के समय हेल्प करती है. साथ ही कैंपस के बाहर भी आपको जॉब मिलने अवसर बढ़ जाते है.
रिज्यूमे बिल्ड अप होता है
अगर आप इंटर्नशिप करते है, तो जो आपका रिज्यूमे मजबूत होता है. साथ ही आपके रिज्यूमे में इंटर्नशिप का एक्सपीरियंस जुड़ता है. आज के समय में आपका रिज्यूमे ही देखकर ही आपको शॉर्टलिस्ट किया जाता है. ऐसे में आपका रिज्यूमे जितना अच्छा होता है. उतनी ही जल्दी आपको जॉब मिलती है.
करैक्टर डेवलपमेंट होता है
इंटर्नशिप करने से आपके अंदर प्रोफेशनल एथिक और वैल्यूज भी आती है. जो आपको जॉब के लिए परिपक्व बनाता है. एक बार इंटर्नशिप कर लेने से आपको जॉब रुटीन और ऑफिस के मौहाल की नॉलेज हो जाती है. जिससे आपको प्रेशर झेलने का भी अनुभव हो जाता है. इसलिए इंटर्नशिप आपके करैक्टर डेवेलप करने में मदद करता है.
करियर स्कोप का अंदाजा लगता है
इंटर्नशिप करने से आपको ये पता चलता है कि आपके लिए सबसे सूटेबल जॉब प्रोफाइल क्या हो सकती है. आप किस फील्ड में काम करने में कम्फर्टेबले और फ्लेक्सिबल है. इसके अलावा इंटर्नशिप में आपको ये भी पता चलता है कि आपका स्ट्रांग और वीक पॉइंट्स कौन-कौन से है. जो आगे आपको जॉब में हेल्प करते है. इसलिए हर हाल में इंटर्नशिप करना सबसे सही रहता है.