क्यों पांच दिनों तक महाभारत युद्ध में अर्जुन को लेकर छिपते रहे श्री कृष्ण?

विश्व में बहुत सी लड़ाईयां लड़ी गयी हैं. जिनमें से कुछ कलियुग की हैं तो कुछ पुराणों में वर्णित हैं. 

इसी में एक सबसे विध्वंसक युद्ध हुआ था महाभारत का. जिसमें भाई ने भाइयों के ही प्राण लिए. असंख्य महान शस्त्रों की तकरार से पूरी पृथ्वी सहम गयी थी. इस युद्ध में भगवान् विष्णु के सुदर्शन चक्र से लेकर बहुत सारे भयंकर अस्त्रों का प्रयोग हुआ था. 

लेकिन आपको पता हैं की महाभारत का युद्ध जितना भयानक था उसमें उतने ही अजीबों गरीब रहस्य भी छुपे हुए हैं. महाभारत से जुड़े ऐसे रहस्य जो सिर्फ़ देवतों को ही ज्ञात थे. 


महाभारत युद्ध में कर्ण सबसे महान योद्धा था उसके बाहुबल और पराक्रम के बारे में अर्जुन बहुत ही अच्छी तरह से जानते थे. करना का प्रवेश महभारत युद्ध में ग्यारहवें दिन हुआ था और उसी दिन से श्री कृष्ण अर्जुन को लेकर इधर से उधर छिपते फिर रहे थे. लगातार पांच दिनों तक उन्होंने उन दोनों को आमने सामने नहीं आने दिया. जब छल से श्री कृष्ण ने कर्ण का कवच और कुंडल दान करवा दिया और भगवान् इंद्र ने जो दिव्यास्त्र कर्ण को दिया था उसके उपयोग हो जाने के बाद.  सोलहवें दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को कारण के सामने ला कर खड़ा कर दिया.