महाभारत की कहानी बहुत से युद्धों से भरा हैं. जिसमे मावन से मानव का युद्ध, भाई से भाई का युद्ध और यहाँ तक की देवता और मनुष्यों का युद्ध.
ऐसा ही एक प्रसंग हैं जब अर्जुन और भगवान शिव के बीच एक जंगली सूअर को लेकर युद्ध हो गया. आपको जान कर हैरानी होगी ये युद्ध कई वर्षों तक लगातार चली जिसमे अर्जुन पराजित हुए.
कहानी तब की हैं जब पांडव अपना सब कुछ हार के वनवास पर गए. वहां पर सभी ने देवतों की आरधना करने के लिए अलग अलग दिशा में चले गए. अर्जुन भी भगवान शिव की आरधना करने के लिए उत्तर की तरफ चले गए. और वहां आराधन करने लगे. एक दिन एक जंगली सूअर वहां से गुज़रा जिसे मारने के लिए अर्जुन ने तीर चला दिया. कुछ दूर जाकर वो सूअर मर गया. जब अर्जुन वहां जाकर देखा तो वो हैरान रह गए, की उस पर दो तीर लगे हुए हैं.
अर्जुन ने ज्यों ही सूअर को उठाना चाहा तुरंत एक भीलों का समूह अपने सरदार के साथ वहां आ गया. उस सूअर पर अपना दांवा करने लगा. अर्जुन और उसके सरदार में भीषण युद्ध शुरू हो गया जो कई वर्षों तक लगातार होता रहा. अंत में अर्जुन की पराजय हुई. अर्जुन ने हार मानकर हथियार डाल दिए और शीश झुका के खड़े हो गए. तभी उस भील का रूप लिए हुए भगवान शंकर अपने असली रूप में आ गए और अर्जुन को अपना आशीर्वाद दिया और साथ ही साथ अपना पशुपतास्त्र भी दिया.